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ज़िंदगी में कभी भी अपने लक्ष्य को छोड़ना बिलकुल भी नहीं चाहिए क्यों की इससे आप को ज़िंदगी भर के लिए पछतावे से गुजरना पड़ता है .
कोई इंसान हार इसीलिए मान जाता है की वो , मन से हार मान जाता है , उसने मान लिया की में नहीं कर सकता अगर उसने ये मान लिया होता की में कर सकता हु तब रास्ता कितना भी कठिन क्यों ना हो , पार हो ही जाता .
लेकिन इंसान मन से हार मान जाता है इसीलिए , मन से हारा हुआ इंसान अपनी ज़िंदगी में कुछ भी नहीं कर पाता है केवल पछतावे से अपनी ज़िंदगी को जीता है .
इसीलिए इस दुनिआ में असंभव कुछ भी नहीं है इंसान अगर चाहे तो वो क्या नहीं कर सकता है .
इंसान असंभव को भी संभव कर सकता है .
आपका लक्ष्य आप को पता है तब आप को किस चीज का डर है की आप को रास्ता नहीं पता , इस चीज का डर है की लोग क्या कहेंगे का डर है ?
आप को अपने आप पे और अपने काम पे विश्वास होना चाहिए और जो रास्ते अभी दिखाई दे रहे है उसमे आप को काम करना चाहिए क्यों की इसी से आप अपनी ज़िंदगी में आगे बढ़ोगे
और बात है लोग क्या कहेंगे की तो , आप कुछ भी कर लो अपनी ज़िंदगी में लोग तो बोलेंगे ही क्यों की कुछ तो लोग कहेंगे लोगो का काम है कहेना
तब लगातार मेहनत , धैर्य और आत्मविश्वास से सब कुछ संभव है , आप अपने लक्ष्य तक आसानी से पोहोच सकते है हो क्यों की आसान है .