कविताबाल कविता
#हिंदी दिवस
साहित्य अर्पण एक पहल
10 सितंबर 2020
विषय-मेरी भाषा
विधा-कविता
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हिंदी भारत का दिल, हिंदी माथे की बिंदी,
हिंदी बोले हिंदुस्तान, द्रविड़ हो या सिंधी,
हिंदी बिना अधूरा है, हिंदी बिना दुर्गत है,
हिंदी मन को मोहती , हिंदी है तो भारत है।
मातृभाषा यह कहाये, जन जन को हॅंसाये,
अंग्रेजी समझ न आये, हिंदी को अपनाये,
47 करोड़ बोलते लोग,हिंदी पढऩा है योग,
हिंदी में काम करोगे, अंग्रेजी का भागे रोग।
मधुर, सरल, सलिल,हिंदी भाषा लगे प्यारी,
हिंदी में बात करेगा, सभ्यता इसमें है हमारी,
हिंदी पढऩा लिखना सीख, वरना हो दुर्गत है,
हिंदी रथ के पहिये होते,हिंदी है तो भारत है।
संस्कृत है इसकी जननी, देवनागरी लिपि है,
कई भाषाओं के शब्द, जोड़े बतौर अतिथि हैं,
40 फीसदी भारत बोले,हिंदी की पड़ी लत है,
दिलोदिमाग पर घर करे, हिंदी है तो भारत है।
भारतीय संविधान में, हिंदी को दर्जा मिला है,
हिंदी की पहचान है हिंदी, भारत का तन मन,
हिंदी को बढ़ावा देना, विकास का करो पर्यत्न,
हिंदी एक दिव्य रथ है, हिंदी है तो भारत है।।
हमारी भाषा हिंदी, यह हमारा बने अभियान,
हिंदी भाषा राष्ट्रभाषा है, बनाती यही पहचान,
पढ़कर सुनकर हिंदी,आ जाती है तन में जान,
हिंदी पढ़ो और पढ़ाओ,यही सफल अभियान।
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स्वरचित, नितांत मौलिक
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*होशियार सिंह यादव
मोहल्ला-मोदीका, वार्ड नंबर 01
कनीना-123027 जिला महेंद्रगढ़ हरियाणा
फोन 09416348400
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