Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मीरा पुकार - Rinku Bumra (Sahitya Arpan)

कवितागीत

मीरा पुकार

  • 28
  • 4 Min Read

विषय - मीरा पुकार


ऐसी लगी लगन, प्रियतम
तुझे छोड़ ना पाऊं मैं
तेरी बांसुरी का है जादू
सुनकर दौड़ी मैं आऊं
ऐसी लगी लगन प्रियतम
तुझे छोड़ ना मैं पाऊं

जमाना मुझ पर हंस रहा
कैसे मैं समझाऊं
पागल कहकर ताने देते
जब चरणों में शीश न्वाऊं
ऐसी लगी लगन ,प्रियतम
तुझे छोड़ ना मैं पाऊं

सुमरू भजन तेरे, प्रियतम
खुद पर मैं इतराऊं
मेरे दिल में चुबन मिठी होती
जब नाम तेरा गुनगुनाऊं
ऐसी लगी लगन प्रियतम
तुझे छोड़ ना मैं पाऊं

पुलकित - पुलकित हृदय मेरा
जब शरमा कर हाथ छुड़वाऊं
तेरे नाम संग मेरा नाम हो
बस तेरी मूर्त में शमा जाऊं
ऐसी लगी लगन ,प्रियतम
तुझे छोड़ ना मैं पाऊं
स्वचरित
कवि - रिंकु बुमरा
हरियाणा

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg