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कवितानज़्म
*शाद रहने की वज़ह ढूंढ लेने का नाम हयात है* मानाके इस जहाँ में नाशाद ओ उदास रहने की बेशुमार वुजूहात हैं शाद रहने की मग़र बशर एक वज़ह ढूंढ लेने का ही नाम हयात है ©️ डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"/०४/१२/२०२३ शब्दार्थ: शाद= खुश, नाशाद = नाखुश