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आंखें कराती हैं पहचान - umesh shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

आंखें कराती हैं पहचान

  • 42
  • 2 Min Read

आंखों की बातें समझते
दुनिया के सभी प्राणी
इनकी बदौलत लिखी
गईं कई अनूठी कहानी
आंखों से ही होते हैं जग
में हर वैयक्तिक संवाद
उनकी भाव भंगिमा में
छिपे प्रेम, हर्ष, विषाद
हर परिवेश का ठीक से
आंखें कराती हैं पहचान
सभी ज्ञानेंद्रियों में होता
इनका महत्वपूर्ण स्धान
आंखों की भाषा समझते
हैं पशु और पक्षी तमाम
मित्र या बैरी पहचान कर
वो चुनते हैं सही मुकाम

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