Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
*कलमदवात बदल जाते हैं* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*कलमदवात बदल जाते हैं*

  • 87
  • 3 Min Read

*कलमदवात बदल जाते हैं*

बात बदल जाते हैं लोग यहाँ अपनी औक़ात बदल जाते हैं
वक़्त के साथ - साथ बशर अक़्सर हालात बदल जाते हैं

कोई दिलमें उतर जाता है तो कोई दिलसे ही उतर जाता है
हरपल रंग बदलती हयातमें दिलों के जज़्बात बदल जाते हैं

पूछो न सबब मुर्शिद मुसलसल बदलते मौसम ए हयात का
मन बलता है, नीयत बदती है तो अहसासात बदल जाते हैं

अंदाजे-बयाँ बदल जाता है जुबाँ के अल्फ़ाज बदल जाते हैं
सुख़न बदल जाता सुख़नवरों के कलमदवात बदल जाते हैं

©️ डॉ.एन.आर. कस्वाँ "बशर"/०४/१२/२०२३

InCollage_20230921_221723484_1701713874.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हाई
logo.jpeg