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ये परमेश्वर - Sunita Jauhari (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

ये परमेश्वर

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  • 2 Min Read

दिलों के पास रहते हैं
हाय ! उसे दिलबर कहते हैं,

कोरोना में जो पूरा दिन घर का काम करें
ऐसे प्रिय को प्रियवर कहते हैं ,

झाड़ू , पोंछा, बर्तन ,खाना संग पकाते
उसे पति परमेश्वर करते हैं ,

बीवी का डर जब सर चढ़ बोले
उन्हें प्राण प्राणेश्वर कहतें है ,

ऐसे प्रीत के रंग में रंगे जानू को
नाथ नाथेश्वर कहते हैं ।।
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सुनीता जौहरी
वाराणसी
स्वरचित व मौलिक

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Mamta Gupta

Mamta Gupta 3 years ago

बहुत सुंदर आपने तो पतिदेव की प्रशंसा भी बड़े ही मजेदार तरीके से की है

प्रपोजल
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