Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जीवन से तम को दूर करो - umesh shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

जीवन से तम को दूर करो

  • 26
  • 2 Min Read

दीपों का हरेक हिस्सा हरे
दिल और दिमाग का तम
मानवता के आदर्शों को
जी सकें हम सब हरदम
हर उज्ज्वल रश्मि देती
सब के मन को प्रकाश
खुद को जलाकर हरो
दूजों के पथ का नैराश्य
दीप देव से मांगता उमेश
हर बार यही एक वरदान
जीवन से तम को दूर करो
प्रभुवर सतत हो कल्याण

IMG_20231101_102715815_1699721204.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
आग बरस रही है आसमान से
1663935559293_1717337018.jpg
तन्हाई
logo.jpeg