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*इसका हमें न पता था* - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

*इसका हमें न पता था*

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*इसका हमें न पता था,*
लिखने पढने बोलने का सऊर-ओ-सलीक़ा हमें न पता था
जुबान -ए -उर्दु का कब सीखा तौर -तरीक़ा हमें न पता था
कब मनको भा गया कलम को रास आ गया सुख़न इसका
जुबाँ से भी होगा "बशर" को इश्क़ इस का हमें न पता था
©️"बशर"/७/११/२३

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