कविताअतुकांत कविता
घर की बगिया सुनी हो जाएगी
आज तेरे जाने से।
बाबूल का घर छोड़ जा रही आज
खुश रहना तु सदा,...
अपने पिया के घर जाने से।
तेरा पिता खुश तो बहुत है आज
पर दुखी भी बहुत है,...
ये सोचकर कि तेरे पिता की तरह
तेरा पिया तुझे क्या खुश रख पाएगा हमेशा ?
मेरा घर फिर से महकेगा बेटी,
तेरा और तेरे पिया का मेरे घर आने से।
जीवन में हमेशा याद रखना मेरी दी हुई सीख को
ये सीख हमेशा काम आएगा कोई मुसीबत आने से।