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मां का दर रहे सब चूम - umesh shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

मां का दर रहे सब चूम

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शहर शहर में मची है
दुर्गा महोत्सव की धूम
मंगल की कामना लिए
मां का दर रहे सब चूम
व्रत, उपवास औ साधना
का लोग ले रहे अवलंब
सबकी मंशा यही कि मां
मंगल करें सब कुछ तुरंत
आदि शक्ति की महिमा को
भक्त जन गा रहे दिन रात
सबको भरोसा एक यही कि
आगे बदलेंगे सबके हालात
हे माता आसुरी शक्तियों का
करो आप शीघ्रतिशीघ्र नाश
पूरे जगत में ही फैले ताकि
मानवता का परम प्रकाश

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