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जनता हर पल बेचैन - umesh shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

जनता हर पल बेचैन

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सबके सिर पर राज कर
रहा है आज सफेद झूठ
जनसेवा के बजाय बनी 
सियासत आज खुली लूट
धनार्जन पर ही केंद्रित है
जन प्रतिनिधियों के नैन
समस्याओं के संजाल में ही
फंसी जनता हर पल बेचैन
एम पी एम एल ए बन रहे
दागियों के सिर सजे ताज
फिर भला कैसे हों समाज
में बेहतर ढंग से सब काज
हे प्रभु देश के लोगों को दो
सद्बुद्धि औ सद्विचार भरपूर
ताकि वो सियासत की शुद्धि
को योगदान देवें कुछ जरूर

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