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कौन याद दिलाएगा शक्ति - umesh shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

कौन याद दिलाएगा शक्ति

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भविष्य को रचने के लिए
दिन रात जुटे जी जान से
अच्छे अंक हासिल करके
मंजिल पानी उन्हें शान से
मां बाप और अपने सपनों
को करना है शीघ्र साकार
समाज में सही मुकाम पाने
की लालसा भी करे बेकरार
ये जज्बा सिर्फ दस फीसदी
युवाओं में देता है दिखाई
शेष ९० फीसदी युवाओं के
मानस पर संशय की काई
अधिकांश को देश की दशा
और दिशा का ही नहीं भान
आगे उन्हें क्या करना, कहां
जाना यह भी नहीं अनुमान
अधिकतर शिक्षा परिसरों में
अजीब सा दिखता परिवेश
पढ़ाई के अलावा वहां रोज
होते रहते हैं उत्सव विशेष
विद्यार्थियों का श्रोताओं या
भीड़ के रूप में रोज प्रयोग
ऐसे में भला कैसे निखरेंगे
विद्यार्थियों के भावी संयोग
युवाओं या विद्यार्थियों को
कौन याद दिलाएगा शक्ति
शिक्षकों में से ज्यादातर कर
रहे तंत्र की ही परम भक्ति
हर कोई अपने भविष्य को
चमकाने की युक्ति में लगा
गला काट प्रतियोगिता के इस
दौर में कोई नहीं किसी का सगा
हे प्रभु देश के सब विद्यार्थियों को
दो तर्क शक्ति औ समझ भरपूर
आसपास के परिवेश को परख, वे
अपनी योग्यता को निखारें जरूर

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