कवितागीत
शि़क्षक दिवस पर जीवन में
मिले सब शिक्षकों को प्रणाम
कुछ न कुछ रोशनी मिली
उनसे ही पाया नव आयाम
नया सीखने के लिए पूरी
उम्र भी पड़ जाती है कम
जीवन में सफलता के सू़त्र
शिक्षकों से ही मिले हरदम
जब जब मन व्यथित होकर
समाज के हालात से निराश
तब तब मन में संजीवनी का
संचार किया गुरु ने सायास
सभी गुरुओं को दोनों हाथ
जोड़ करता हूं सदा प्रणाम
उनकी कृपा प्रसाद से जीवन
में मिले सदा उचित मुकाम