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प्रेम पर बलिहारी - umesh shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

प्रेम पर बलिहारी

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  • 3 Min Read

जिंदगी बहुत खूबसूरत
यह समझे ना हर कोय
प्रभु जिस पर कृपा करें
उसको यह अनुभव होय
पग पग पर बदलें मंजर
अहसासों में भी बदलाव
जीवन सफर में दो चार
हों अनगिनत महानुभाव
बस वो ही दिल पर छपें
जिनमें सहजता भरपूर
उनकी आत्मीयता से ही
मुग्ध मन हो जाए मयूर
प्रेमभरा व्यवहार ही सब
गुणों पर पड़ता है भारी
पूरी दुनिया के जीव रहे
सदा प्रेम पर बलिहारी
पशु, पक्षी भी समझते
प्रेम से सराबोर बर्ताव
भावों के लिहाज से वो
प्रतिक्रिया में लाते बदलाव
हे ईश्वर जगत की खूबियों
को वक्त पर सकूं पहचान
सही प्रतिक्रिया से ही औरों
को दूं मानवता का पैगाम

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