लेखसमीक्षा
'' लहरें नेह की " कविता संग्रह
लेखिका : नेहा शर्मा
शोपीजेन.इन ( Shopizen.in)/"
एक पाठकीय समीक्षा
नेहा शर्मा जी का बहु प्रतीक्षित काव्य-संग्रह " लहरें नेह की ". आज मेरे हाथों में है, नयी पुस्तक की प्राप्ति अपने आप में एक बहुत सुखद अनुभूति है..!
बहुत शान्त, अन्तर्मुखी और संकोची, नेहा जी की साहित्यिक यात्रा का प्रारम्भ, पांच वर्ष की छोटी सी अवस्था में ही हो गया,जब उन्होंने अपनी डायरी पर, अपना नाम लिखा..!
विवाह के उपरान्त, उनके '' चार्टर्ड एकाउंटेंट '' पति देव ने भी, उनके रूझान को समझ कर, निरन्तर उनकी साहित्यिक यात्रा में सहायता की. नेहा जी के श्वसुर, सुधीर जी भी एक बहुत प्रतिष्ठित लेखक हैं.उन्होंने भी हमेशा नेहा जी का उत्साह-वर्धन किया है.
. जब कि सुधीर जी ने, प्रसिद्ध '' रूड़की इन्जीनियरिंग कालेज " (वर्तमान में आई आई टी) से पेपर टेक्नोलॉजी में इन्जीनियरिंग की थी , और कुछ वर्ष पूर्व , एक प्रसिद्ध प्राइवेट कंपनी से अवकाश ग्रहण किया है.. पूरा परिवार दुबई में रहता है.
'' लहरें नेह की '', अत्यंत मर्मस्पर्शी कविताओं का, एक अद्भुत संग्रह है. कहीं से, कोई भी रचना,हम पढ़ सकते हैं, वे हमारे अन्तर - मन को, बहुत गहराई से स्पर्श करती हैं.. उनमें विविधता है.. कुछ उद्धरण :
' किताब लिखना'....
कुछ बातें छोड़ना, कुछ चित्रों की औकात लिखना.. एक बचपन की याद लिखना.. एक मां बाप का साथ लिखना., कुछ बीते लम्हों के पन्ने.. कुछ जले जज़्बात लिखना.., कुछ देश का अतीत, देश का भविष्य साथ लिखना, थोड़े पन्ने यदि बचे, तो दिल की अपनी बात लिखना....
जयकारी छंद
नेहा नेह में बंध जाय
कान्हा के रंग - रंग जाय
खेलत होली चारों धाम
छोड़ दिये हैं सारे काम
लगी चौकड़ी आठों याम..
भूल गये सब अपना नाम...
स्त्री..
बनाकर दूसरों को, मैं ख़ुद में सिमट गई हूं
हां जूड़े की तरह मैं परिवार में बंध गई हूं...
... कहते थे लोग चुलबुली सी लड़की मुझे
... नोज पिन की तरह मैं गोलाई में ढल गयी हूं..
एक एक रचना, अपने आप में पठनीय है..!
नेहा जी को पुस्तक के प्रकाशन की बहुत बधाई और अनन्त शुभकामनाएं..!
नेहा जी से '' साहित्य अर्पण '' के माध्यम से परिचय लगभग चार वर्षों से है. वे हिन्दी लेखन के प्रोत्साहन और प्रसार के लिए सतत प्रयत्नशील हैं. उन्होंने नये लेखकों को जोड़ने, उनके लेखन को निखारने में सराहनीय कार्य किया है.
उन्होंने फेसबुक पर एक साहित्यिक ग्रुप '' साहित्य अर्पण '' को अन्तरराष्ट्रीय मन्च पर प्रमुखता से स्थापित कर दिया है.
इसकी वेबसाइट , साहित्य अर्पण.काम पर बच्चों की एक आकर्षक पत्रिका, त्रैमासिक रूप में प्रकाशित होती है. अन्य बहुत से सदस्य भी अपनी रचनाएं, नियमित रूप से प्रकाशित कर रहे हैं..
बहुत से, प्रसिद्ध लेखक - लेखिकाएं अन्य देशों से निरन्तर, विभिन्न लोकप्रिय आयोजनों में भाग लेते रहते हैं.
नेहा जी सभी सदस्यों को लेखन में सहायता के लिए, हमेशा सम्पर्क में रहती हैं और हर पग पर प्रोत्साहित करती रहती हैं..वे निरंतर हिन्दी के नये नये लेखकों को जोड़ने और उन्हें प्रोत्साहित करने, उनके लेखन को निखारने में प्रयत्नशील रहती हैं.
कमलेश वाजपेयी