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उत्साह का नव प्रवाह - umesh shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

उत्साह का नव प्रवाह

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भागमभाग भरे जीवन में
टानिक सदृश है पिकनिक
प्रकृति के नजारों को देख
इंसान पा जाए सुख तनिक
तनाव और अवसाद के साए
मानस से हो जाते हैं झट दूर
कुछ अंतराल पर पिकनिक
का प्लान आप रखिए जरूर
काम के बोझ से उपजे तनाव
से यह दिलाता सबको मुक्ति
कुछ बदलाव से मन को ऊर्जा
ग्रहण करने की देता है शक्ति
तमाम मनोवैज्ञानिकों ने इंसान
को सुझाई पिकनिक की राह
यह उद्यम मानस में सदैव ही
भरता उत्साह का नव प्रवाह
हर काम के लिए जरूरी है
ऊर्जा और भरपूर उत्साह
इसीलिए पिकनिक को लेकर
पूरे जग में दिखती खास चाह

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