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योग का एक विधान - umesh shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

योग का एक विधान

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ध्यान से सधा करते
जीवन के सब काम
सहज रूप में ध्यान
योग का एक विधान
इसके बल पर मनुष्य
प्राप्त कर लेता देवत्व
ध्यान से योगी मुनियों
को मिला परम तत्व
हर मनुष्य की सफलता
में इसका अहम योगदान
ध्यान दिलाया करता हर
व्यक्ति को उचित सम्मान
हे प्रभु सदैव संतुलित रहे
मस्तिष्क में ध्यान का भाव
चित्त सदा संयत रहे ताकि
मन पे पड़े न कोई कुप्रभाव

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