Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
मोहता है सबका मन - umesh shukla (Sahitya Arpan)

कवितागीत

मोहता है सबका मन

  • 108
  • 2 Min Read

पुष्पों का अधिपति
माना जाता गुलाब
रूप,गंध और स्वरूप
में इसका नहीं जवाब
बारहों मास खिलता
मोहता है सबका मन
पूजा,आराधन,स्वागत
में उपयोग करें सब जन
औषधीय गुणों से युक्त
है सो आता सबके काम
इससे बने इत्र औ गुलकंद
का पूरे जग में खूब नाम
घिरा रहे कांटों से सदैव
पर लब पे सदा मुस्कान
उसकी ताजगी, प्रखरता
का पूरा जगत है कद्रदान

IMG-20230531-WA0043_1689579298.jpg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
तन्हा हैं 'बशर' हम अकेले
1663935559293_1726911932.jpg
ये ज़िन्दगी के रेले
1663935559293_1726912622.jpg