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वक़्त मिलता ही कहाँ है बशर जिंदगी को संवरने के लिए - Dr. N. R. Kaswan (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

वक़्त मिलता ही कहाँ है बशर जिंदगी को संवरने के लिए

  • 60
  • 2 Min Read

करना ही क्या पड़ता है यहाँ पर जमाने में जीने के लिए
बस मुसलसल कड़ी मेहनत करनी पड़ती है मरने के लिए !

उम्र ए तमाम गुज़र जाती है मशक़्क़त में मश्ग़ूल रहकर
वक़्त मिलता ही कहाँ है बशर जिंदगी को संवरने के लिए !

©️✍️ #बशर
Dr.N.R.Kaswan
Surrey: 12/7/2023

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