कविताअतुकांत कविता
दूर दृष्टि
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कड़ी मेहनत ,दूर दृष्टि
कड़ी मेहनत कीजिए ,
पेट की सूखी आंतो को
खूँटी पर टाँग दीजिए
क्योंकि
आपके पसीने से विदेशी ऋण चुकायेंगे
प्रतिपाल में आपको आश्वासन मिल जायेंगे
आप ,आश्वासन पहनाइये ,आश्वासन ओढ़िए ,आश्वासन खाइए ,
आश्वासन आने वाली पीढ़ी को दे जाइए
दूर दृष्टि से काम लीजिए
भावी पीढ़ी को कड़ी मेहनत की सीख दीजिए
और
अच्छी तरह समझा दीजिए
की सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
क्योंकि हम गांधी वादी हैं
सरकारी विचारधारा समाजवादी है
संविधान धर्म निरपेक्ष
तथाकथित नेता अवसर वादी हैं
शायद इसीलिए कहलाता है
मेरा देश महान
टूटी चप्पल धिसता पढालिखा नौजवान
जनता आतंकवाद, कुपोषण और भुखमरी की शिकार
फिर भी तथाकथित नेता
बना पहलवान।।
डा योगेन्द्र मणि कौशिक