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दिल की दुनिया के फैंसले - सु मन (Sahitya Arpan)

लेखअन्य

दिल की दुनिया के फैंसले

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#_दिल_की_दुनिया_के_फैंसले_जैसा_हम_चाहते_हैं_वैसे_नही_होते_




और एक दिन गुलाबी सी शाम को उसका एक मैसजे आया, " लव यू💖
तुम प्यार करते हो या नहीं पता नहीं पर मुझे तो हो गया हैं। एक तरफा ही सही पर इश्क तो हैं ना। जवाब देना या ना देना तुम्हारी मर्जी हैं। बातें दिल में नहीं रखनी चाहिए ये तुमसे ही सीखा हैं इसीलिए कह दिया। "


मैसेज देखकर होठों पर हल्की सी हंसी आई कि कितना आसानी से कह दिया ना हाल - ए - दिल। ना कोई उम्मीद की, ना कोई जोर दिया इस बात पर कि तुम भी प्यार करो मुझसे। और ना ही दिल टूटने का डर कही कि ना कह दिया फिर...


कुछ चीजें बहुत ही सरल, साधारण होती हैं और वो वैसी ही बहुत अच्छी लगती हैं। और उसको जैसे हैं वैसे ही रखना चाहिए जिससे वे ज्यादा खिल जाती हैं।

ऐसे ही होते हैं कुछ रिश्ते भी जिनमें कोई बनावटीपन नहीं होता। जिसमें न कुछ पाने की जिद्द होती हैं और ना ही कुछ खोने का गम।


रिश्ते प्यार, अपनापन, भरोसे से बनते है ना कि जोर जबरदस्ती से। अगर इंसान किसी से प्यार करे या किसी को पसंद करे तब वह सामने वाले को मजबूर नहीं कर सकता कि वह भी उसे प्यार करे या पसंद करे। पसंद और प्यार किसी पर थोपी जाने वाली चीजें नहीं हैं।


मानती हूँ कि सबकी अपनी अपनी भावनाएं होती हैं, एक आकर्षण होता हैं किसी खास इंसान के प्रति। उससे वह लगाव होता हैं जो किसी और से कभी हो भी नहीं सकता। पर क्या सामने वाले के मन में हमारे प्रति भी सेम वही फिलिंग्स हैं, केयर हैं, लगाव हैं।


अगर दोनों तरफ ऐसा कुछ नहीं हैं और सब एक तरफा ही यह हैं तब उस इंसान को कोई हक नहीं बनता कि वह दूसरें को अपनी बातों से, व्यवहार से, अपने तौर - तरीके से तंग करे। उससे कोई भी उम्मीद करे कि वह कुछ करेगा उसकी खुशी के लिए।


अगर हमारे व्यवहार से, बातों से किसी को तकलीफ होती हैं तब यकीन मानिए वह प्यार नही हैं और कभी हो भी नहीं सकता।


अगर हमें कोई अच्छा लगता हैं, हम पसंद करते किसी को और सामने वाला इंसान आपकी सब सुनकर बहुत आराम से कहे कि उसके मन में ऐसा कुछ नहीं हैं। वह दूर रहने की हिदायत दे फिर भी हम उसके पीछे जाते हैं उसी वक्त हम गलत हो जाते हैं।


अगर लगाव, आकर्षण, प्यार दूसरी तरफ से कभी हो भी नहीं सकता पर हमारी तरफ से बहुत हैं तब यकीन माने कि जाने - अनजाने हम खुद को तकलीफ दे रहे हैं। यह हमारा प्राब्लम हैं, जो हमनें खुद क्रिएट किया हैं और इससे हमें ही बाहर निकलना हैं। कोई दूसरा इस सबसे निकालने कभी नहीं आएगा।


प्यार सिर्फ प्यार होता हैं, खोने - पाने जैसा कुछ होता ही नहीं इसमें। जिंदगी की हकीकत यही हैं कि जहाँ इंसान को उम्मीद होती हैं कि हमें इतना सब मिलेगा ( प्यार के मामलों में) वहाँ कुछ नहीं मिलता। और जहाँ कोई उम्मीद न हो वहाँ इतना सब मिलता हैं कि कभी सोचा भी न हों।


बात सिर्फ इतनी सी हैं कि अपना हाल - ए - दिल कहो जरुर, दिल की बातें दिल में न रखो पर अगर दिल के मुताबिक कुछ न मिलें तब निराश नहीं होना हैं। क्योंकि जिंदगी हमें वही देती हैं जो तय हैं वह नही जो हमें पसंद हो।

कुछ कहकर , किसी से "ना " सुनकर अगर दिल टूटता हैं तो टूटने दो। ताउम्र मलाल न रहेगा कि उस वक्त अगर कह दिया होता तब सही था।


माना किसी ने सही कहा हैं कि , " मैं सबका दिल रखता हूं।

पर सुनो...!

मैं भी एक दिल रखता हूँ ।"



पर हकीकत तो यह भी हैं ना कि जो नसीब में लिखा हैं, जो परफेक्ट हैं हमारे लिए वह कैसे भी करके हमें ढूंढ ही लेगा।





#_दिल_की_कहानियां
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