Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
जिदंगी, मुझको तुझसे प्यार है - Sudhir Kumar (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

जिदंगी, मुझको तुझसे प्यार है

  • 158
  • 8 Min Read

ऐ जिंदगी, 
मुझको तुझसे प्यार है
तेरा हर एक लमहा
खुशियों से महका त्यौहार है
ऐ जिंदगी, 
मुझको तुझसे प्यार है

कुछ भारी-भरकम से सपनेजो हो सके ना मेरे अपने
उनको रखकर गिरवी बरबस
आस-पास ये बिखरी-बिखरी
अहसासों में निखरी-निखरी
छोटी-छोटी सी खुशियाँ
पायी उधार हैं
ऐ जिंदगी, 
मुझको तुझसे प्यार है

इनमें रची-बसी जिंदगी
इनमें फँसी-हँसी जिंदगी 
बस यही मेरा एक 
छोटा सा संसार है
हाँ, जिंदगी, 
तेरा हर एक फैसला
मुझको स्वीकार है
ऐ जिंदगी, 
मुझको तुझसे प्यार है

ऐसी है या वैसी है
हाँ, तू तो चाहे जैसी है
मुझको अंगीकार है
हर एक रूप से तेरे, 
ऐ जिंदगी, 
मुझको प्यार है
ऐ जिंदगी, 
मुझको तुझसे प्यार है

प्राप्त को पर्याप्त समझकर
मालिक की सौगात समझकर
साथ-साथ चलते लमहों को
जीवन का आवास समझकर
हर आज को आगाज़ समझकर
खुशियों का परवाज़ समझकर
हर पल के दामन में पलता
कुदरत का इत्तफ़ाक़ समझकर
जद्दोजहद में सिमटे हर एक जज़्बे को
जीने की नव प्यास समझकर
हर उलझन से मैंने पाया पार है
ऐ जिंदगी, 
मुझको तुझसे प्यार है

हर आज की एक नई सुबह में,
जीने की एक नयी वजह में
जीवन के नव सरगम का 
एक साज समझकर
मन के आँगन में पलते
एक मुठ्ठी आसमाँ में
पल-पल ढलते
सपनों के इन नन्हें- मुन्ने पंछियों की
मन के वृंदावन में गूँजी बंसियों की
महकी-चहकी आवाज समझकर
पल-पल समझा जीवन को
दाता का एक उपहार है
ऐ जिंदगी, 
मुझको तुझसे प्यार है

हर लमहे में सिमटा 
हर अहसास समझकर
हर एक साँस में लिपटी सी 
एक आस समझकर
हर आँच को एक साँच समझकर
जीवन का सारांश समझकर
हर एक आज को 
एक नया अंदाज समझकर
नन्हीं- मुन्नी खुशियों का 
एक ताज समझकर
जिंदगी को कर लिया गुलज़ार है
ऐ जिंदगी, 
मुझको तुझसे प्यार है
मुझको तुझसे प्यार है

द्वारा : सुधीर अधीर

logo.jpeg
user-image
प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
तन्हाई
logo.jpeg