कविताअतुकांत कविता
संगीत साधना है
इसमें भावनाये ही नहीं
बस भाव हैँ
संगीत आराधना है
इसमें प्रस्तुति नहीं
बस स्तुति है
संगीत आगाज है
इसमें शुष्क शब्द नहीं
बस आत्मा की आवाज़ है
संगीत योग है
इसमें मन: शांति ध्यान ही नहीं
बस मिलता परम मोक्ष है
संगीत उपासना है
इसमें भक्ति ही नहीं
ये संस्कृति का स्त्रोत है
संगीत आनंद का अविर्भाव है
इसमें सुख साध्य ही नहीं
बस नाद - ब्रह्म सब प्राप्य है
माँ शारदे वरदान दें