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क्या खोया क्या पाया? - Deepti Shukla (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

क्या खोया क्या पाया?

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  • 1 Min Read

गोरी राधा, श्यामल कान्हा
बाँटे सुख- दुख, आधा-आधा
निर्मल ह्रदय, सुकोमल काया
जीवन छनिक धूप, छनिक छाया
काहे सोचें क्या खोया क्या पाया?

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