कविताअतुकांत कविता
महके बगिया
राधा बन
मन मोरा जले
बाट देखे
मोरे नयना,
कान्हा तू काहे
मोसे ना मिले...
बेबस बेचारी,
राधा तिहारी
तोह बिन
हर
पल छिन
भारी
दरस को प्यासी
राधारानी
अब तो
आ जाओ
कृष्ण मुरारी
जब जब कान्हा
तू टेर लगाये
तोरी राधाप्यारी
दौड़ी आये
तोहे मोरी तनिक
याद नआये
बस तू यूही मोहे
दोष लगाये
जब जब कान्हा
तू टेर लगाये
तोरी राधाप्यारी
दौड़ी आये
तोहे मोरी तनिक
याद नआये
बस तू यूही मोहे
दोष लगाये