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मेरा मनमीत - Deepti Shukla (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

मेरा मनमीत

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मन में वादियो सी गहराईया भर
तू हिमालय सा संग आ खड़ा

महकाता चन्दन सा हिया
लफ्जो को नया अर्थ मिला

और जो गाऊ गीत मैं प्यार के
लौटाये तू सुर संगीत बना

साँसों सा जो आ तू बसा
मुझे मेरा मनमीत बना

प्यार की इन लहरों से
देखो जीवन का हर रंग खिला

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