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माँ शारदे वरदान दे | - Deepti Shukla (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

माँ शारदे वरदान दे |

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हे माँ शारदे
मन की धरा ये हिल रही
इसमे उर्जा के प्राण दे |
सोई शक्ति को नवचेतना का अभिज्ञान दे |
सज्ञानता की धुरी पे व्यग्र मन को डाल दे |
मंथन से निकले जो कल्पतरू परिजात दे |
हे माँ शारदे
वरदान दे |

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