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सखा संग संगिनी - Deepti Shukla (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

सखा संग संगिनी

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तरुवर संग जैसे पत्र और पंखुड़ी
बयार संग सुगंध बहे बन दंभनि
नाचे मन राधा कृष्णा सा हो भाव भंगी
पूनम ये अलबेली हुई मिली सखा संग संगिनी

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