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समर्पिता - Deepti Shukla (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कविता

समर्पिता

  • 113
  • 1 Min Read

राधा सी
होऊ समर्पिता
झलके अखियन
प्रेम, भक्ति और सम्मान
गुनो के गहने मान बढ़ाये
हो प्रेम भरी मेरी मुस्कान
चंचल-चपल करुणामयी राधिके
तुझ सी होऊ, मैं तेरी संतान
हे माँ ! दो ये वरदान |

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