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चंदा - Deepti Shukla (Sahitya Arpan)

कविताअतुकांत कवितालयबद्ध कविताबाल कविता

चंदा

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चंदा के रथ पे आज
सपनो की सवारी हैँ l
एक पगली देखों कैसे
तुम पे दिल हारी है l
मिलने को बेक़रारी
देखों कैसी हमारी हैँ l
चंदा के रथ पे आज
सपनो की सवारी है l

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