कविताअतुकांत कविता
आज दिल बदला बदला सा हैँ
जैसे आसमां पर बदल रहे मेघ है...
ये दिल तन्हा संग ढूंढ़ता सा
पल मे हॅसता सा, पल में रोता सा
कुछ ढूंढ़ता सा, कुछ छोड़ता सा
कुछ खुश, तो कुछ गम लिए l
कुछ हरा सा, कुछ भरा भरा सा
कुछ गुनगानाता , कुछ गुमसुम सा
कुछ पाता , कुछ खोता सा
कुछ घुटता सा, कुछ झूमता सा l
अपनों में लगे कुछ बेगाना सा
बेगानो संग फिरे अपना सा l