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" तुम-बिन " 💐💐 - सीमा वर्मा (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

" तुम-बिन " 💐💐

  • 227
  • 3 Min Read

चित
#शीर्षकः
" तुम-बिन "
कंही बीत न जाए सब तीज-त्योहार

अब आ भी जाओ, मेरे सामने तुम

कब तक सपनों में रहूँ ढ़ूढ़ती तुम्हें?

आ गया रंगीला-हरे सावन का मौसम

अब यूं ना मुझे तरसाओ तुम, आ गये

सब के पिया रह गई एक अकेली मैं

माथे पर बिंदिया की चमक, हांथों में

कंगना की खन-खन। तरसे मेरा मन ।

लोग कहें मैं हो गई बाबरी, रातों में तारों

को गिन । रोक-रोक के बाट-बटोही

पूंछू कर, कब आएंगे मेरे सांवरिया ?

मिटेगी कब नैनो की प्यास ?

बैठी हूँ , बस आस लगाए बीत ना जाए

सब तीज-त्योहार ।

स्वरचित / सीमा वर्मा

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Anjani Kumar

Anjani Kumar 3 years ago

बहुत खूब

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