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कच्चे रास्ते (भाग १3 ) साप्ताहिक धारावाहिक - Ashish Dalal (Sahitya Arpan)

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कच्चे रास्ते (भाग १3 ) साप्ताहिक धारावाहिक

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कच्चे रास्ते (भाग १३)

काव्या !

तुम्हें जान कहूँ या जाने-जिगर ? जो भी कहूँ स्वीकार कर लेना क्योंकि तुम हर वक्त मेरे ख्वाबों में मुस्कुराती रहती हो ।
मेरे शरारती होंठों को उस प्यार को जताने की हिम्मत नहीं जो मेरे दिल में बसता है । ज्यादा नहीं लिखूँगा.. सिर्फ इतना ही कहूँगा कि मैं इस प्रेम पत्र से तुम्हारे दिल के दरवाजे को खटखटा रहा हूँ । जवाब जरुर देना क्योंकि दिल में मेरे दर्द बहुत है और मेरे दिल की दर्द की दवा सिर्फ तुम ही हो ।
सिर्फ तुम्हारा ही...

मि. आशिक

समीर का लिखा हुआ पत्र एक बार फिर से पढ़कर काव्या ने गुस्से में आकर उसे फाड़ डाला और कागज के टुकड़े नीचे फर्श पर फेंक दिए ।

ऑफिस से लौटने के बाद आज अब उसे नींद नहीं आ रही थी तो वो समीर के साथ अपने भूतकाल को यादकर सोचने लगी थी कि उससे गलती कहाँ हुई जो समीर प्यार वाला भ्रम पाल बैठा । ये बात सच थी कि अनय के ऑफिस ज्वाइन करने के पहले समीर और काव्या बहुत अच्छे दोस्त थे लेकिन अनय के ज्वाइनिंग के पाँच महीनों बाद ही काव्या अनय के काफी करीब आ गई और समीर खुद ही उसकी जिन्दगी से दूर होता चला गया । काव्या ने कभी भी समीर को प्यार वाली नजरों से नहीं देखा था । वो उसे अपना एक अच्छा दोस्त और शुभचिंतक ही समझती थी ।

समीर के बारें में बहुत कुछ सोचते हुए उसे अचानक ही उसे एक बात ख्याल आई और उसे महसूस होने लगा कि समीर की उसके लिए रही भावनायें कैसे उसे किसी भी तरह से पाने की तमन्ना में बदल गई ।

“समीर, कल शनिवार को मेरे साथ शापिंग पर चलोगे ?” ऑफिस से छूटने पर कैब का इन्तजार करते हुए काव्या ने समीर से पूछा । अनय एक सप्ताह से ऑफिस के काम से मुंबई ब्रांच गया हुआ था और शनिवार की शाम को लौटने वाला था ।

काव्या के अचानक से शॉपिंग पर चलने की बात को लेकर समीर चौंक गया और उससे कहने लगा, “चल तो सकता हूँ लेकिन लड़कियों की शॉपिंग के मामले में मुझे कुछ ज्यादा समझ नहीं आता ।”

समीर का जवाब सुनकर काव्या ने उसके सिर के पीछे के भाग पर हल्की सी चपत लगाई और बोली, “पगले ! मैं शापिंग पर जाऊं तो जरूरी नहीं कि वो शापिंग मेरे लिए ही हो । किसी और के लिए भी हो सकती है ।”

काव्या की बात सुनकर समीर हँस दिया और बोला, “जान सकता हूँ अचानक से किस पर महेरबान हो रही ? कौन खुशनसीब है जिसके लिए तुम शॉपिंग कर रही हो ?”

काव्या ने अपना सीक्रेट उसे न बताते हुए बातें बनाते हुए समीर से कहा, “ये सरप्राइज है... तुम चलो तो सही । शॉपिंग करने के बाद बता दूँगी ।”

समीर काव्या की बात सुनकर मन ही मन कुछ सोचकर मुस्कुरा दिया और उसने हाँ कर दी ।

अगले दिन दोपहर को २ बजे काव्या समीर का इन्तजार करते हुए सेंट्रल मॉल के प्रवेश द्वार के पास खड़ी हुई थी । समीर पूरे बीस मिनिट लेट था । उसके बाइक पार्क कर प्रवेश
द्वार पर आते ही काव्या उस पर गुस्सा हो गई और बोली, “तुम लेट हो । वक्त की कोई कीमत ही नहीं है तुम्हें ।”

इस पर समीर ने एक प्यारी सी मुस्कान दी और काव्या के और करीब आकर धीरे से उसके कान में बोला, “मुझे पता है तुम्हारा समय महत्वपूर्ण हैं लेकिन इन्तजार करने और करवाने से समय की कीमत और ज्यादा बढ़ जाती है ।”

काव्या को समीर का ये मजाक पसंद नहीं आया और वो उसे हल्का सा धक्का देकर अपने से दूर कर बोली, “एवरी सेकेण्ड ऑफ लाइफ इस इम्पोर्टेंट फॉर मी । अभी मुझे बहुत से काम है । अब जल्दी करो बहुत कुछ खरीदना है ।”

“जिसके लिए शॉपिंग कर रही हो वो मेल है या फीमेल है ?” समीर ने काव्या के साथ मॉल के अन्दर दाखिल होते हुए पूछा ।

काव्या अब मुस्कुराकर समीर से बोली, “तुम एक नम्बर के गधे हो । वो शी होती तो खुद ही कुछ अपनी पसंद का न खरीद लेती । तुम्हें क्यों लेकर आती शॉपिंग पर ?”

काव्या की बात सुनकर समीर के चेहरे पर प्यारभरी मुस्कान छा गई । मन ही मन मलकाते हुए वो बोला, “ओह ! आय सी... तो ये शॉपिंग किसी उसके लिए हो रही है।”

“हाँ।” जवाब देकर काव्या समीर के साथ फर्स्ट फ्लोर पर मेन्स सेक्शन में जाने के लिए एस्केलेटर पर खड़ी हो गई ।

काव्या किसे सरप्राइज देने वाली है ये अब समीर को धीरे धीरे समझ में आने लगा था । वो एक बार फिर से उसकी तरफ देखकर मुस्कुराया और बोला , “वैसे बर्थ डे बॉय को साथ लेकर शॉपिंग करने से सरप्राइज, सरप्राइज नहीं रह जाता।”

समीर की बात सुनकर काव्या हँस दी और बोली, “मुझे पता है । तुम्हारी बर्थ डे नेक्स्ट मन डे को है । लेकिन तुम्हें साथ लेकर शापिंग करूँतो इसका ये मतलब भी तो नहीं कि वो शॉपिंग इस बर्थ डे बॉय के लिए ही हो ?”

ये कहते हुए काव्या ने धीरे से समीर की नाक दबा दी तो समीर जोर से हँस दिया। जवाब में काव्या भी हँस दी । थोड़ी देर के बाद अपनी हँसी परकाबू करते हुए फर्स्ट फ्लोर पर एस्केलेटर से दायीं तरफ चलते हुए वे एपरेल सेक्शन में आ गए । समीर को काव्या की कही बात पर अभी भी हँसी छूट रही थी । वो अपने आप पर काबू नहीं कर सका और बोला, “तुम मजाक भी अच्छा कर लेती हो और तुम्हारी याददाश्त भी काफी अच्छी है।”

समीर की बात सुनकर काव्या बोली, “अब फालतू की बातें छोड़ो और एक अच्छा सा फॉर्मल वियर पसंद करने में मेरी मदद करो।”

काव्या की बात सुनकर समीर ने उसे सुझाव दिया, “बॉय फ्रेण्ड के जन्मदिन पर उसे फॉर्मल वियर गिफ्ट करोगी तो बहुत ही कॉमन लगेगा।”

समीर की बात सुनकर काव्या उसी से पूछने लगी, “तो तुम्हीं बताओ तुम्हें क्या पसंद है ?”

समीर फिर से काव्या की तरफ देखकर मुस्कुरा दिया और उसके कान के पास अपने होंठ ले जाकर धीरे से बोला, “मुझे तुम पसंद हो ।”

समीर की बात सुनकर काव्या ने उसकी पीठ पर हल्का सा मुक्का मारा और बोली, “इडियट ये मजाक का वक्त नहीं है । मुझे चार बजे तक घर वापस भी जाना है । जल्दी से बताओ, मुझे क्या खरीदना चाहिए।”

“तो तुम एक काम करो । लाइट ब्ल्यू कलर का स्किन टाईट जींस और ब्लैक कलर की स्लिम फिट राउण्ड नेक्ड टी शर्ट उठा लो। तुम्हारा बॉय फ्रेण्ड खुश होकर तुम्हें अपनी बाहों में भर लेगा ।” समीर ने काव्या के नजदीक कहा ।

समीर का सुझाव काव्या को पसंद आ गया और वो तुरंत खुश होकर बोली, “सही में !”

समीर ने उसे अपनी बाहों के घेरे में लेने की कोशिश करते हुए कहा, “हाँ । यकीन नहीं आता तो अभी डेमो देकर दिखाऊं ?”

काव्या ने उसे धीरे से धक्का दिया और बोली, “शटअप समीर । हर वक्त मजाक अच्छा नहीं होता।” आगे बढ़कर उसने जींस सेक्शन की तरफ जाकर समीर से पूछा, “अच्छा ये बताओ तुम्हारी कमर की साइज क्या है ?”

काव्या का सवाल सुनकर समीर ने खुद आगे बढ़कर लाइट ब्ल्यू कलर का जींस रेक में से निकाला और काव्या के हाथों में रखकर बोला, “३८ की साइज परफेक्ट है और टी शर्ट लार्ज साइज पर स्लिम फीट पसंद करो।”

काव्या ने jeans की घड़ी खोलकर देखी और कमर की साइज का अंदाजा लेते हुए उसने समीर से फिर से पूछा, “आर यू श्योर ? ३८ सही रहेगा ?”

“तुम कहो तो ट्रायल लेकर बता दूँ?” काव्या की शंका को दूर करने के लिए समीर ने उसकी तरफ देखा तो जवाब में काव्या ने जींस उसकी तरफ बढ़ा दिया ।

समीर जींस लेकर ट्रायल रूम में चला गया और काव्या आगे बढ़कर टी- शर्ट देखने लगी । उसे डार्क ब्ल्यू कलर की राउण्ड नेक्ड टी-शर्ट बहुत पसंद आई जिस पर दिल शेप के साथ एक छोटा सा स्लोगन प्रिंट किया हुआ था - “I AM YOURS ! NO REFUNDS !”

उसने वो टी-शर्ट ले ली और ट्रायल रूम से कुछ दूरी पर खड़ी होकर समीर के बाहर आने का इन्तजार करने लगी । कुछ ही देर में समीर जब बाहर निकला तो उसे देखकर काव्या ने प्यारी सी मुस्कान देकर जींस की फीटिंग परफेक्ट होने का इशारा किया और अपने हाथ में पकड़ रखी टी-शर्ट देकर उसे भी ट्रायल करने को कहा । समीर ने टी-शर्ट को पूरा खोलकर देखा और काव्या की पसंद पर अपनी प्रतिक्रया दी, “ये कलर हम लड़को के लिए बहुत ही कॉमन है लेकिन मुझे इस पर प्रिंट किया हुआ स्लोगन बहुत पसंद आया ।”
काव्या अभी भी उसे देखकर मुस्कुरा रही थी । वो जोर से बोली, “तो फटाफट ट्राई करो ।”

समीर ट्रायल रूम में जाकर दो मिनिट के अन्दर ही बाहर आ गया । काव्या को उसने पहन रखी लाइट ब्ल्यू जींस और डार्क ब्ल्यू टी-शर्ट बहुत पसंद आई वो उसकी तरफ मुस्कुराकर बोली, “हैंडसम लग रहे हो । किसी चुड़ैल की नजर न लग जाए तुम्हें।”

“जनाब ! नजर तो उन्हें लगती है जिन्हें चाहने वाला कोई नहीं होता । अपुन पर तो हजारों लड़कियाँ मर मिटने को तैयार है।” समीर ने अपने दोनों हाथ फैलाकर एक पैर आगेकर शाहरुख वाला फेमस पोज देने की कोशिश की ।

समीर की इस हरकत पर काव्या जोर से हँस दी और बोली, “जाओ जाओ ! बड़े आये शाहरुख खान की नकल करने वाले मारने वाले । शाहरुख खान का जमाना अब बीत चुका है और उस पर मर मिटने वाली लड़कियाँ भी अब बूढ़ी हो चुकी है।”

काव्या का मजाक समीर को पसंद नहीं आया और उसका चेहरा उतर गया । वो उदास स्वर में बोला, “तुम यार अजीब हो । कचरा ही कर डालती हो सारे इमोशन का ।”

इस काव्या ने उसके पास आकर प्यार से कहा, “अच्छा बाबा ! सॉरी । मुझे नहीं पता था कि तुम्हें इतना ज्यादा बुरा लग जाएगा । अब चेंज कर आओ। अभी एक अच्छा सा परफ्यूम भी लेना है।”

काव्या के कहने के अन्दाज से समीर पिघल गया और बोला, “दो मिनिट में चेंज कर आता हूँ।”

समीर वापस ट्रायल रूम में चला गया । काव्या ने बाहर उसका इन्तजार करते हुए अपना व्हाट्स एप खोला और अनय को एक मैसेज किया, “तुम वापस कितने बजे आ रहे हो ?”
अनय इस वक्त ऑन लाइन ही था । उसने तुरंत जवाब दिया, “मैं एयरपोर्ट पर ही हूँ लेकिन यहाँ से फ्लाईट दो घंटे लेट है तो आते हुए रात के नौ तो बज ही जाएँगे ।”

इस पर काव्या ने उसे एक दुखभरी इमोजी भेज दी । तभी उसे समीर ट्रायल रूम से बाहर आता हुआ दिखाई दिया । काव्या ने जवाब में अनय के आये हुए व्हाट्सएप मैसेज को देखा । उसने लिखा था, “आय मिस यू अ लॉट ।” काव्या ने जवाब में उसे स्माइली इमोजी भेज दी और ऑफ लाइन हो गई ।

समीर अब तक काव्या के पास आ चुका था । उसने जींस और टी शर्ट अपने हाथ में पकड़े हुए काव्या से कहा, “केश काउन्टर उस तरफ है।” समीर ने दायीं तरफ इशारा किया और काव्या उसके साथ केश काउन्टर की तरफ चलने लगी । अपने क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करने के बाद परफ्यूम शॉप की ओर जाते हुए उसने समीर से पूछा, “तुम कौन सा परफ्यूम उपयोग करते हो ?”

समीर के पास परफ्यूम की कोई ख़ास पसंद नहीं थी । वो बोला, “जो पसंद आ जाता है वो ही ले लेता हूँ । वैसे Adidas, Denver, Fogg, park avenue परफ्यूम्स की जानीमानी ब्राण्ड है।”

“अच्छा ? मुझे तो पता ही नहीं था समीर !” समीर का सुझाव सुनकर काव्या मजाक करते हुए उसकी तरफ देखकर हँस दी ।

समीर ने उसके इस मजाक पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “मजाक अच्छा कर लेती हो।” और वो दोनों शॉप के अन्दर दाखिल हो गए ।

शॉप के अन्दर परफ्यूम्स की बहुत सारी वेरायटी देखकर काव्या को कुछ समझ नहीं आया । समीर भी कुछ पसंद नहीं कर पा रहा था । वो खुद परफ्यूम की इतनी बड़ी शॉप पर पहली बार आया था ।

कुछ समझ न आने पर काव्या ने शॉप पर मौजूद सेल्स पर्सन से कहा, “किसी खास अपने को बर्थ डे पर गिफ्ट करने के लिए अच्छा सा परफ्यूम दीजिए ।”

काव्या की बात सुनकर उस सेल्स पर्सन ने काव्या के पास खड़े समीर की तरफ देखकर कहा, “सर, अगर आप कुछ स्ट्रोंग अनुभव करना चाहते हैं तो Jaguar Classic Black ट्राई कीजिए । एक बार उपयोग करने के बाद आप इस ब्राण्ड के एडिक्टिव हो जायेंगे ।”

सेल्स पर्सन की बात सुनकर समीर ने काव्या की तरफ देखा । इस पर काव्या बोली, “मुझे क्या देख रहे हो ? तुम्हारा क्या सुझाव है ?”

“इस ब्राण्ड को मैंने कभी ट्राई नहीं किया है तो आय एम नोट वेरी श्योर ।” समीर ने जवाब दिया तो उस सेल्स पर्सन ने उसे फिर से कहा, “सर, मेरा विश्वास कीजिए । इट इज अ फेंटास्टिक सेंट फॉर अ हॉट डेट एंड स्मेल्स फार मोर एक्सपेंसिव देन इट्स प्राइज ।”

सेल्स पर्सन का आत्मविश्वास देखकर काव्या ने कहा, “ठीक है । आप इसे ही पैक कर दीजिए।”

“ठीक कहा न समीर मैंने ?” सेल्स पर्सन को ऑर्डर देकर तुरंत ही काव्या ने फिर से समीर का सुझाव लेते हुए पूछा ।

समीर कुछ बोल नहीं पाया । उसने हाँ में सिर हिला दिया ।

सेल्स पर्सन ने एक सुन्दर से पैकेट में परफ्यूम की बोतल पैक कर काव्या की तरफ बढ़ा दी । काव्या ने बिल चुकता किया और फिर समीर और वो मॉल से बाहर आ गए ।
मॉल से बाहर निकलकर बायीं तरफ खड़े होकर समीर ने काव्या से पूछा, “KFC चले?”

काव्या ने मना करते हुए कहा, “नहीं समीर । अभी मेरी कुछ भी खाने की इच्छा नहीं है।”

समीर ने उसे फिर से उसे साथ चलने के लिए कहा, “मेरे लिए ...प्लीज ।. इसे मेरे बर्थ डे की एडवांस स्पेशियल पार्टी ही समझ लेना।”

काव्या ने प्यारी सी मुस्कान देते हुए समीर से कहा, “बर्थ डे !! तो फिर ठीक है , चलो।”

KFC तक चलकर जाते हुए काव्या बोली, “थैंक्स समीर । तुमने आज शॉपिंग में मेरी बहुत मदद की । मुझे तो समझ ही नहीं आ रहा था कि अनय के लिए क्या लूँ और क्या न लूँ।”

काव्या की बात सुनकर समीर चौंक गया । वो अब तक समझ रहा था कि काव्या ये सब उसके लिए कर रही है । उसने काव्या को देखा और आश्चर्य से पूछा, “अनय के लिए ?”

“हाँ ! कल उसका बर्थ डे है न तो मैंने उसके लिए सरप्राइज प्लान किया है । ही इज माय ड्रीम बॉय । आय लव हिम सो मच ….” काव्या अपनी ही धुन में बोले जा रही थी लेकिन अब समीर का ध्यान उसकी बातों में न था । उसे अचानक से महसूस होने लगा जैसे उसे काव्या ने किसी और के लिए उपयोग कर लिया । काव्या के साथ अब वो भारी क़दमों से KFC की तरफ चला जा रहा था ।

तभी अपनी बात पूरी कर काव्या ने समीर के चेहरे के बदलते हुए भाव महसूस किए, “क्या हुआ समीर ? अचानक से उदास क्यों हो गए ?”

समीर काव्या के सवाल का जवाब नहीं दे पाया । कुछ सेकेण्ड सोचने के बाद वो बोला, “कुछ नहीं । अचानक से शाहरुख खान की “कुछ कुछ होता है” मूवी का काजोल वाला वो सीन याद आ गया जब उसे पता चलता है कि शाहरुख उसे नहीं रानी मुखर्जी से प्यार करता है।”

समीर को सेंटी होते देखकर काव्या ने उसका हाथ जोर से दबाया और बोली, “यार ! तुम बहुत ही सेंटी हो । फ़िल्मी बातें पूरी फ़िल्मी होती है. असली जिन्दगी में ऐसा कुछ नहीं होता।”

काव्या की बात सुनकर समीर के चेहरे पर फीकी सी मुस्कुराहट छा गई ।

समीर का पत्र पढ़ने के बाद पूरा घटनाक्रम याद कर काव्या को अब समझ आने लगा कि अनजाने में उसने समीर की भावनाओं को उसने आहत किया है और शायद इसी वजह से गलतफहमी पालकर वो इस तरह का व्यवहार कर रहा है ।

अपनी गलती ख्याल आते ही उसने समीर से बात कर सॉरी बोलकर उसे उसकी नई जिन्दगी में सैटल होने के लिए समझाने का फैसला किया और बैडरूम की लाइट बंदकर बैड पर लेट गई ।

शेष अगले हफ्ते

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दादी की परी
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