कविताअतुकांत कविता
मैं सरला मेहता इन्दौर से साहित्य टी वी पर अपनी
रचना 'हिंदी से हम सच्चे हिदुस्तानी' प्रस्तुत कर रही हूँ। हिंदी हमारी सीधी सरल वैज्ञानिक भाषा है और पूर्णतः ध्वनि पर आधारित है। गौर कीजिए ज़रा अँग्रेजी की क्लिष्टता पर,,,
*इस मुई अंग्रेजी ने तो किया
मातृ-देशभाषा का कबाड़ा
बेनियम अपवादों में उलझाया
सच हमें कहीं का ना छोड़ा
*अंकल आंटी का बड़ा झमेला
वी व डब्ल्यू का गड़बड़झाला
दादा-नाना,चाचा-मामा,भुआ
सबको दिया सम्मान हमने
*बी यू टी बट,पी यू टी पुट
इनसे बेहतर किंतु परंतु
सी व के से क,सी एच से क
भ्रमित हैं नौनिहाल हमारे
*शी व ही हेज़,वी व दे हेव ठीक
पर आय व यू हेव, क्या है
हिंदी में तेरे मेरे हमारे तुम्हारे
सबके पास-सीधा सा सवाल
*निमोनिया शुरू होता है पी से
सी एच से च और एच से है ह
हिंदी में व्यंजनों से जोड़ो स्वर
और बनालो शब्दों से वाक्य
*संज्ञा से लेकर सम्बोधन तक
कारक संधि अलंकार समास
गद्य पद्य की ये सकल विधाएं
पूर्ण करते साहित्य का भंडार
*स्वीकारें लेखन वाचन में हिंदी
हो शुद्ध वर्तनी और उच्चारण
प्रचार प्रसार अपनी हिंदी का
तभी भाइयों व बहनों
हिंदी से हम होंगे सच्चे हिंदुस्तानी
स्वरचित
सरला मेहता
इंदौर