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कच्चे रास्ते (भाग ११ ) साप्ताहिक धारावाहिक - Ashish Dalal (Sahitya Arpan)

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कच्चे रास्ते (भाग ११ ) साप्ताहिक धारावाहिक

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कच्चे रास्ते (भाग -११)

आज पूरे बीस दिनों के बाद काव्या ऑफिस आई थी लेकिन ऑफिस में आने के बाद भी वो कुछ खोई-खोई हुई सी ही थी । उसे काम में फिर से अपना मन लगाने में बहुत ही तकलीफ हो रही थी । रह-रहकर बीते हुए पिछले दिन उसका पीछा कर रहे थे पर फिर भी अपना मन कड़ा कर उसने खुद को सम्हालकर कम्यूटर चालू किया ।
पिछले बीस दिनों में अनय चार पाँच बार उसे मिलने उसके फ्लैट पर गया था । इसी बहाने राजीव से उसका थोड़ा बहुत परिचय भी हो गया था । राजीव के लिए वो अब पूरी तरह से अनजान इंसान तो नहीं था लेकिन अभी भी उसके बारें में बहुत सी अनकही बातें थी जिससे राजीव अनजान था ।

काव्या अभी अपने फ्लैट में अकेले ही रह रही थी । राजीव और उसका परिवार अगले सप्ताह से अनिकेत की परीक्षा शुरू होने की वजह से वापस अपने घर चले गए थे । काव्या अनिकेत की परीक्षा के वक्त राजीव के यहाँ शिफ्ट होकर उसके परिवार की तकलीफ को बढ़ाना नहीं चाहती थी । उसने बड़ी ही मासूमियत और चालाकी से इस राजीव के घर अभी शिफ्ट होने के निर्णय को कुछ समय के लिए टाल दिया था ।

काव्या अपनी डेस्क पर बैठी हुई अपने ई-मेल्स चैक कर रही थी और अवांछित ई-मेल्स को डिलीट भी कर रही थी । तभी उसका सहकर्मी समीर उसकी डेस्क के पास आकर खड़ा हो गया । काव्या ने नजर उठाकर उसे देखा और फिर उसे नजरअंदाज कर कम्यूटर स्क्रीन पर देखने लगी ।

काव्या का ध्यान अपनी तरफ खींचने के लिए समीर अपनी आवाज में उदासी लाते हुए उससे कहा, “तुम्हारी मम्मी के बारें में सुनकर बहुत दुख हुआ काव्या ?”

काव्या ने फिर से एक नजर समीर पर डाली और बड़े ही रूखे शब्दों में वो समीर से बोली, “तुम्हारी इस सिम्पैथी के लिए थैंक्स । मैंने देखा था तुम उस दिन मेरे घर पर आए थे ।”
इस पर समीर उससे बातों का सिलसिला आगे बढ़ाते हुए कहने लगा, “हाँ, उस दिन तुमसे कोई बात नहो हो सकी थी । वैसे अचानक से क्या हो गया था तुम्हारी मम्मी को ? अनय बता रहा था हार्ट अटैक था ।”

जवाब पाने के लिए समीर की नजर काव्या पर टिकी हुई थी । काव्या मन ही मन उसकी उपस्थिति से परेशान हो रही थी । उसने अपनी झुँझलाहट पर काबू करते हुए उसकी तरफ देखा और बोली, “जब पता है तो फिर क्यों पूछ रहे हो ?”

काव्या से जवाब पाकर समीर ने बात आगे बढ़ाई और कहने लगा , “मेरा कहने का मतलब था कि तुम्हारी मम्मी की उम्र कोई ज्यादा तो थी नहीं । इस उम्र में अचानक से हार्ट अटैक आना...”

अभी समीर ने अपनी बात पूरी भी नहीं की थी कि काव्या ने उसे टोकते हुए कहा, “समीर, मेरे पर्सनल मामलों में तुम्हें दखलंदाजी करने की कोई जरूरत नहीं है । प्लीज ।”
काव्या का इस तरह से टोकना समीर को पसंद नहीं आया । वह काव्या पर अपना हक़ जताते हुए बोला, “तुम बहुत बदल गई हो काव्या...”

इस पर काव्या ने उसकी बात को काटते हुए कहा, “समीर, मैं क्या हूँ, कैसी हूँ ये देखना तुम्हारा काम नहीं है । प्लीज इस वक्त मुझे मेरे काम पर फोकस करने दो । मेरे पास तुम्हारी फालतू बातों के लिए वक्त नहीं है ।”

समीर आसानी से अपनी बेइज्जती पचाने वालों में से नहीं था । वह काव्या से बहस करने लगा, “अनय के इस कम्पनी में ज्वाइन होने से पहले हम दोनों काफी अच्छे दोस्त थे और अपने पर्सनल मैटर्स भी तो एक दूसरे से शेयर करते थे लेकिन उसके आने के बाद ही तुम बदल गई हो ।”

काव्या समीर की बातें सुनकर बहुत ज्यादा परेशान हो रही थी । वह अपनी आवाज पर फिर से काबू कर धीरे से बोली, “शट अप समीर ।” और अपना काम करने लगी ।
“लेकिन काव्या मैं तुमसे केवल दो मिनिट बात करना चाहता हूँ ।” समीर बोला । वह अब भी काव्या से बात करना चाहता था ।

काव्या की आवाज में उसकी परेशानी अब साफ नजर आने लगी, “प्लीज समीर ! मैं तुमसे अब और बात नहीं करना चाहती ।”

समीर ने काव्या के कम्यूटर का मोनिटर बंद करते हुए पूछा, “पर क्यों ?”

काव्या ने अब उसे सीधे-सीधे सुनाते हुए कहा, “हर दिन एक से नहीं होते समीर । अनय के आने के बाद भी मैं तुम्हारी अच्छी दोस्त ही थी लेकिन दोस्ती तोड़ने की शुरुआत तुमने
ही की थी ।”

समीर काव्या के कहने का मतलब समझ गया और बोला, “तुम अभी तक मेरी उस छोटी सी गलती का बुरा मानकर बैठी हो ? उसके लिए तुमसे माफी भी तो माँग चुका हूँ ।”

समीर की बात सुनकर काव्या ने उसे खा जाने वाली नजरों से देखा । उसे इस समय उस पर बहुत ही गुस्सा आ रहा था । वह गुस्से से बोली, “तुम्हारे लिए वो छोटी सी गलती होगी । ये जानते हुए भी कि अनय और मैं एक दूसरे से प्यार करते है फिर भी तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई थी मुझे प्रपोज करने की ?”

“तुम मुझे अच्छी लगती हो काव्या । मैं तुम्हें अब भी प्यार करता हूँ ।” समीर ने धीरे से मदहोश आवाज में कहा ।

समीर की बातें सुनकर काव्या का गुस्सा अब बढ़ता ही जा रहा था । उसकी आवाज अब तेज होने लगी, “बेशर्मी की हद होती है समीर । तुम्हारी सगाई हो चुकी है । अपने आप पर शर्म करो ।”

इस पर समीर बोला, “तुम भूल कर रही हो । अभी सगाई नहीं हुई है मेरी । वो तो केवल वर्बल कमिटमेंट ही है केवल ।”

अब काव्या अपने आप पर काबू नहीं कर सकी और वो जोर से चिल्लाई, “गेट आउट फ्राम हीअर । शर्म आनी चाहिए तुम्हें किसी लड़की की भावनाओं के साथ खेलते हुए ।”
उसके इस तरह जोर से बोलने पर उसके आस पास बैठे उसके कलीग्स उसे और समीर को देखने लगे । बात को बढ़ते देख समीर वहाँ से तुरन्त ही चला गया ।

समीर के वहाँ जाते ही काव्या से दो सीट छोड़कर बैठी रूबी अपने हाथ में कुछ पेपर्स लेकर अपनी जगह से खड़ी हुई और चलकर काव्या के पास से गुजरते हुए उसने धीरे से उसका कंधा दबाकर उसे शांत रहने का इशारा करते हुए आगे क्वालिटी डिपार्टमेंट की तरफ चली गई ।

एटीएस बिजनेस सोल्यूशन का पूरा फ्लोर तीन फेज में बँटा हुआ था । पहले फेज में प्रवेश द्वार से अन्दर आने पर बांयी तरफ में एच आर डिपार्टमेंट था और दांयी तरफ कोरिडोर के बाजू में मेन्स वाशरूम । मेन्स वाशरूम के पीछे ले फीमेल एम्प्लाइज का वाशरूम था जिस तरफ जाने का रास्ता दूसरी तरफ से था ।

दूसरे फेज में ऑपेरशन फ्लोर था जहाँ बेकएंड ऑपरेशन गतिविधियों को देखने वाले कर्मचारी बैठते थे । इसी फेज में सीनियर Sऑपरेशन हेड मि. अमोल चक्रवती का केबिन था । इससे आगे फेज तीन में क्वालिटी डिपार्टमेंट था । क्वालिटी डिपार्टमेंट के ठीक बाद में कंपनी का खुद का कैंटीन था । कैंटीन के एक तरफ से ऊपर के फ्लोर पर जाने को सीढ़ियाँ थी । ऊपर के फ्लोर पर कंपनी के सीईओ मि. रामनाथ नेगी का बड़ा सा केबिन और दो छोटे मीटिंग रूम और एक बड़ा सा कांफ्रेंस रूम था । कोंफ्रेंस रूम की बगल में मैनेजर्स को बैठने के लिए के ६ क्यूबिक बने हुए थे । इसी फ्लोर पर कालिंग टीम भी बैठती थी ।

काव्या और रूबी की जगह फेज टू में थी और अनय क्वालिटी डिपार्टमेंट में था ।

रूबी पेपर्स लेकर अनय के पास आई और उसे वो पेपर्स देने के बाद उसकी डेस्क से पेन को अपने हाथ में घुमाते हुए बोली, “काव्या और समीर के बीच आज फिर से बहस हुई । लगता है समीर उसे फिर से परेशान कर रहा है । काव्या उसकी बातों से परेशान होकर इतना जोर से चिल्लाई कि उसके आसपास बैठे सभी लोग उसकी तरफ देखने लगे थे ।”
अनय ने बात की तह तक जाने के लिए रूबी से पूछा, “क्या कह रहा था वह ?”

रूबी ने कहा, “उस वक्त मेरा कॉल चल रहा था इसी से मेरा ध्यान उनकी बातों में नहीं था । लेकिन काव्या का जवाब सुनकर ऐसा लगा कि समीर तुम्हारे और काव्या के रिलेशन के बारें में कुछ उल्टा सीधा बोल रहा था ।”

इस पर अनय ने अपना गुस्सा जताते हुए कहा, “ये समीर भी अब अपनी हद पार कर रहा है । उसका कुछ करना ही पड़ेगा ।”

अनय की बात सुनकर रूबी ने अपना नजरिया रखते हुए कहा, “काव्या जब तक शिकायत नहीं करती तब तक वो अपनी हरकतों से बाज नहीं आएगा ।”

“मैं बात करता हूँ काव्या से ।” कहते हुए अनय डेस्क पर रखे हुए फोन से काव्या का एक्स्टेंशन डायल करने लगा तो रूबी ने उसका हाथ पकड़कर उसे रोक दिया और बोली, “अभी वो बहुत ही ज्यादा गुस्से में है । उससे डिनर ब्रेक के वक्त बात करना ।”

रूबी की बात पर अनय ने एक ठण्डी साँस ली और बोला, “ठीक है लेकिन समीर ने सच में अगर काव्या कुछ उल्टा सीधा कहा तो मैं उसे छोडूँगा नहीं ।”

अनय की बात सुनकर रूबी ने हँसते हुए कहा, “क्या बिगाड़ लोगे तुम उसका ? वो अमोल सर का क्लोज रिलेटिव है । तुम ऑफिस में रहते हुए उसका कुछ नहीं बिगाड़ पाओगे ।”
“ऑफिस के बाहर भी तो बहुत कुछ किया जा सकता है।” अनय ने रूबी की तरफ देखकर कहा ।

रूबी ने महसूस किया कि अनय के दिमाग में कोई प्लान चल रहा था समीर से निपटने के लिए । उसने अनय को एक शंकास्पद मुस्कुराहट देते हुए पूछा, “क्या चल रहा है तुम्हारे दिमाग में ?”

जवाब में अनय ने रूबी को इस वक्त टालते हुए कहा, “समय आने पर सबकुछ पता चल जाएगा लेकिन पहले काव्या से इस बारें में बात करना जरूरी है।”
“ठीक है।”रूबी ने कहा और वहाँ से वापस अपनी डेस्क पर आकर अपना काम करने लगी ।

शेष अगले हफ्ते

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