कविताअन्य
सुनो... आज तुम इतने खामोश क्यों हो..?
खनकती सी आवाज में लड़की ने धीमें से कहा।
लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा, " बस यूँ ही। कभी कभी तुम्हारे साथ खामोश बैठकर मैं तुम्हें मन की वो तमाम बातें सुनता हूँ जो तुम कभी कह भी नहीं पाओगी मुझसे। "
लड़की ने अपनी हल्की भूरी आँखों को फैलाकर आश्चर्य से कहा कि, "अच्छा तो ये बात हैं... जनाब अब मन की बातें भी पढ़ लेते हैं। तो बताओ इस वक्त मेरा मन क्या कह रहा हैं। "
लड़के ने कहा कि, " अपनी आँखे बंद करो फिर बताता हूँ।"
लड़की ने धीमे धीमे पलके मूंदी तो लड़के ने आहिस्ता से वह गिफ्ट पैकेट खोला जिसमें वह लड़की के लिए कुछ लाया था।
और फिर उस पैकेट में से एक बिंदिया निकाल कर लड़की के माथे पर एक चांद सी बिंदिया लगा दी। और लड़की को पता भी नहीं चला। फिर लड़की की एक प्यारी सी तस्वीर भी ले ली।
लड़की ने बेसब्र होकर कहा, " उफफफ्... बताओ भी क्या था। कब से ऐसे ही आँखे मूंद कर बिठा रखा हैं मुझे।
और फिर लड़के कहा कि ,"चलो अब आँखे खोलो अपनी जल्दी और देखो खुद को। "
लड़की ने धीमे से अपनी आँखे खोली तो उसकी आँखों के सामने वह तस्वीर थी जिसमें उसने बिंदिया लगाई हुई थी।
सच में कितनी खूबसूरत लग रही थी वो बिंदिया उसके माथे पर। यह देखकर लड़की की आँखे भर आई।
लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा, " तुम्हारे मन अभी यही कह रहा था ना कि तुम्हें चांद को अपने माथे पर सजाना हैं। देखो मैं तुम्हारें लिए चांद सा खूबसूरत तोहफा लाया हूँ।"
लड़की की हल्की भूरी आँखों में एक कतर आँसू अटक कर रह गया। उसने हल्के मुस्कुराते हुए कहा कि, " हाँ .. चांद को माथे पर सजाने का ख़्वाब देखा था। और सोचा नहीं था कि यह ख़्वाब इतनी जल्दी सच होगा।
लड़के ने शरारत भरे अंदाज में कहा, " लो बंदरिया कि नाक बहने लगी अब। " और वह हंसने लगा।
लड़की ने आँखें पोंछते हुए कहा कि, " तुम अपनी हरकतें कभी सुधार नहीं सकते पागल कही के.... "
लड़के ने मुस्कुराते हुए कहा, " हाँ मैं पागल... सिर्फ तुम्हारें लिए... "
इतना कहकर उसने लड़की को बाहों में भर लिया और उसका माथा चूम लिया।
सु मन
#एकइडियटकेडायरीनोट्स