कहानीबाल कहानी
#शीर्षक#
सिरीज " मिनी "
ट्रिन-ट्रिन-ट्रिन ...फोन की घंटी बज रही है ... मिनी उठाने ही जा रही है कि मम्मा ने फोन उठा लिया ।
"मिनी ने पूछा किसका फोन है?"
"दादी का "
"मुझे भी बात करनी है"
मम्मा ने फोन मिनी को पकड़ा दिया।
"क्या कर रही हो दादी ?"
मिनी ने मीठी आवाज में पूछा उधर से दादी ने कहा ,
"बस तुझे ही याद कर रही हूँ इसलिए फोन भी किया"।
मिनी की मम्मा औफिस में काम करती हैं । आज कल कोरोना के चलते उनका वर्क फ्रौम होम चल रहा है। और मिनी के स्कूल बन्द रहने के चलते उसका कंही बाहर जाना नहीं हो पाता है ।
बस दादी इसी बात को लेकर चिन्तित रहती है ।
कैसे बहू आऑफिस ,घर और मिनी इन तीनों को एक साथ संभालती होगी ।
उन्होंने मिनी से पूछा ,
"तू मम्मा को परेशान तो नहीं करती है ना ?"
"नहीं दादी बिल्...कुल भी नहीं ।"
"अच्छा फिर अभी क्या कर रही ?"
"मैं तो खेल रही हूँ पज्जल्स से और मम्मा ने लैपटॉप खोला हुआ है।
"ओ अच्छा फिर तेरे बोलने से मम्मा डिस्टर्ब नहीं हो रही होगीं ?"
नहीं दादी मिनी ने भोलेपन से कहा ,
"अरे नहीं मम्मा तो पेस्ट्री बनाने की रेसिपी देख रही हैं " ।
उसकी दादी यह सुनकर हँस पड़ी,
" अरे मैं भी बेकार की चिन्ता करती रहती हूँ "
और मिनी की मम्मा के तो हंसते-हंसते पेट में बल पड़ रहे हैं। उसनें मिनी की चुटिया खींच दी ,
" शैतान की नानी हाहाहाःहाहा " ।
स्वरचित / सीमा वर्मा
पटना