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अलबेली - सीमा वर्मा (Sahitya Arpan)

कहानीबाल कहानी

अलबेली

  • 202
  • 10 Min Read

बाल साहित्य के अन्तर्गत...
#शीर्षक
"अलबेली"
उठ जा री अलबेली अब क्या सारा दिन सोती ही रहेगी ?
अभी घर के भी सारे काम पड़े हुए हैं। उफ्फ ये अम्मा भी ना ठीक से नींद भी नहीं लेने देती है।
कभी-कभी तो लगता है मेरा जन्म ही काम वाली बनने के लिए हुआ है। हाँथ पैर सीधा करती अलबेली ,
" अब उठने में ही भलाई है नहीं तो अभी अम्मा आ जाएगी और मोबाईल से शुरु हो कर मेरे सुबह न उठने, पढ़ाई बंद कराने और फिर धीरे-धीरे मोबाईल जलाने पर जा कर खत्म होगी "
यह सोच अलबेली हाँथ पैर झटक कर खड़ी हो गई। और बब्रश कर नहा धो कर तैयार हो गई ।
तब तक अम्मा ने गरम चाय बना कर रख दी साथ में बिस्कुट भी।
अलबेली जल्दी- जल्दी चाय की चुस्की ले बिस्कुट खा कर आंटी जी के यहाँ काम पर निकल गई।
वो कोने वाली सुमन आंटी कितना मानती हैं उसे ।
मीठे स्वर में बाते भी करती हैं। वो खुद भी तो कितनी अच्छी लगती हैं दिखने में।
गरम-गरम नाश्ते के साथ थोड़ा दूध भी देती हैं ।
और हाँ साथ में पढ़ने को अखबार भी तो
जिसमें दुनिया भर की बातें और खबर रहती है। उनका कहना है,
" देखो अलबेली किसी भी हाल में पढ़ाई मत छोड़ना तुम जितना आगे जाना चाहोगी मैं तुम्हारा साथ दूंगी तुम्हें पढ़ कर मास्टरनी बनना है"।

यही सोचती हुई वो उनके घर के दरवाजे तक पंहुच गई । वहाँ जा कर देखती है कि घर सील हो गया है।
अंदर जाना मना है?
"अरे ऐसे कैसे हो सकता है मेरी आंटी जी को कोरोना"? उन्हें कैसे अकेले छोड़ सकती हूँ।
फिर दौड़ कर घर गई अम्मा को सारी बात बता कर बोली,
"जाने किस हाल में होगीं आंटी जी।
कैसे खाना बनाएगीं अम्मा ? ऐसा करती हूँ"
"तू मेरे कुछ कपड़े निकाल दे और मैं अपनी किताबें भी रख लेती हूँ अब वहीं रह लूगीं तब तो अंदर आंटी जी के घर में जाने देगें ना"?।
अम्मा का मन नहीं हुआ। अलबेली को वहां फिर से जाने देने का लेकिन उसकी सच्ची सेवा और मदद करने की लगन तथा हौसलें को सलाम करती हुई बोली ,
" जा मेरी बच्ची तू है ही इतनी अलबेली तभी तो सब तुझे प्यार करते हैं "।
"हाँ पर तू तो सारे दिन डाँटती रहती है ना मुझे "
कह कर हँसती हुई उसके गले लग गई।और बैग ले कर यह बोलती निकल गई,
"मोबाईल लेती जा रही हूँ फोन करती रहूँगी अम्मा तू घबरइयो मत "।

स्वरचित /सीमा वर्मा

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Roohi Shrivastava

Roohi Shrivastava 3 years ago

Wah ji

Shekhar Verma

Shekhar Verma 3 years ago

bahut achchi

Anjani Kumar

Anjani Kumar 3 years ago

अहा ़़👌👌

दादी की परी
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