कहानीबाल कहानी
बाल साहित्य के अन्तर्गत
#शीर्षक
"जब रैम्बो बन गया रामादीन "
११ वर्षीय चिंटू के पापा मनोहर जी उसके उन दोस्तों को कोस रहे हैं। जिनकी बातो में आकर वह गली के मुहाने से कुत्ते के एक चार दिन के पिल्ले को उठा कर घर ले आए।
फिर उसे नहला -धुला कर घर के ही सब्जी वाली टोकरी में पुरानी चादर बिछा कर उस में रख दिया ।
पिता-पुत्र में इसी को लेकर कितने दिनों तक नोंक-झोंक चलती रही ।
मनोहर जी के अनुसार चिंटू ने निहायत बेवकूफों वाली हरकत की है ।
चिंटू अपने को तीसमार खां मान रहे थे।
चिंटू उसे दूध ,रोटी और अंडे वगैरह देनें के पीछे परेशान है ।
जब कि मनोहर जी की परेशानी यह कि ,
" यहाँ तो अपना ही पूरा नहीं होता उस पर से एक अदद कुत्ते की परवरिश का खर्च "।
चिंटू उसे डौगी कहता है जब कि मनोहर जी " कुत्ता " अंत में बीच का रास्ता निकाल मम्मी ने उसका नामकरण कर दिया ।
" रैम्बो " चिंटू जी के कुछ दोस्त भी आने लगे हैं रैम्बो से मिलने ।
सभी ठीक-ठाक ही जा रहा था ।
मनोहर जी भी बरदाश्त कर ही रहे थे लेकिन कभी भी उसे अपने पास नहीं फटकने देते।
रैम्बो के गले में सुनहरे पट्टे बांध चिंटू जी शान से मुहल्ले में घूमते नजर आते।
भयंकर शीत लहर में तो मम्मी ने रैम्बो को स्वेटर पहना दिए और तो और रैम्बो को हड्डियों का चश्का भी लग चुका था ।
इसी बीच एक दिन घर में हड़कंप मच गया जब शाम के समय,
" बचाओ , बचाओ अरे कोई तो बचाओ "
की कर्णवेधी आवाज पूरे घर में गूंज गई सभी बाहर की ओर दौड़े।
रैम्बो आखिर तो ठहरा गली का कुत्ता, ना जाने किस बात पर नाराज हो चिंटू को घुटने से पकड़े हुए उन्हें आगे बढ़ने ही नहीं दे रहा था।
दांत तो नहीं गड़ाए थे पर चिंटू बाबू मारे डर के चिल्ला रहे हैं।
मम्मी ने आगे बढ़ कर पट्टा थामना चाहा तो रैम्बो उन पर भी गुर्रा उठा डर कर वे भी पीछे हट गई ।
तब तक मनोहर जी आ गए ,
उन्हें यह दृश्य देख कर जोरों की हंसी मिश्रित गुस्सा आ गया ,
" देख लिया ना मैं न कहता था "
कहते हुए उन्होंने कड़क आवाज से डपटते हुए रैम्बो को एक लात कस कर प्रेम से जमाई ।
रैम्बो चुपचाप बैठ गया।
चिंटू की जान में जान आई अब उसे भी बात समझ में आ गई कितनी भी मेहनत कर लो संस्कार और स्वभाव ईश्वर प्रदत्त होते हैं।
समय और माहौल देख कर सिर उठा ही लेते हैं।
प्यार तो चिंटू अभी भी उससे बेहद करते हैं लेकिन उसका नाम " रैम्बो " से बदल कर " रमादीन " कर दिया है ।
क्यों ?
यह तो वे ही जानें 😊😊
सीमा वर्मा