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आशा की एक किरण .. - शब्बीर मुनव्वर (Sahitya Arpan)

कवितानज़्म

आशा की एक किरण ..

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आशा की एक किरण ..

इस दौर से ना घबरा बंधू ,
हर दौर गुज़र ही जाता है ....

घनघोर अंधेरों के ही बाद ....
उज्याला सवेरा आता है ...

रख हौंसला ज़िंदा अपना ...
क्यों मलबों से घबराता है ...

हो "आशा की एक किरण" दिल में ...
हर तूफ़ान ठहर सा जाता है ...

ईश्वर की क्या मंशा इसमें ...
इंसान समझ कहाँ पाता है ..

हो जो उसकी इच्छा अपनी इच्छा ..
फिर देख तू क्या नहीं पाता है ....
फिर देख तू क्या नहीं पाता है ....

शब्बीर मुनव्वर SAM

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