कविताअतुकांत कविता
यह आसमान
यह बादल
यह पहाड़
यह दरिया
यह धरती
यह हरियाली
यह बगिया
यह फूलों की क्यारी
यह सब मेरा ही तो है
जब मैं प्रभु की
प्रभु मेरे तो
प्रभु की बनाई सृष्टि
मेरी ही तो है
मैं प्रभु में समाई और
प्रभु कण कण में
मेरा हो चाहे फिर
किसी का भी दिल
हर धड़कते दिल में वास
प्रभु का ही तो है।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001