Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
हौसला 💐💐 - सीमा वर्मा (Sahitya Arpan)

कहानीलघुकथा

हौसला 💐💐

  • 264
  • 6 Min Read

#शीर्षक
"हौसला "
क्या हुआ मां आप इतनी चुप-चुप सी हैं ?
पिछले चार दिनों से परेशान कुसुम के कंधे पर हाँथ रख प्रिया कह रही है ।
" तुम भी तो गुम सी हो गई हो "
कहते हुए गला रुंध गया उनका ,
" नहीं मां गुम तो नहीं "
बोलती प्रिया की आंखे छलछला गई ।
एक तो उम्र का तकाजा ,
दूसरे कोरोना की हिमाकत इस बार सीधे उनके दरवाजे पर ही दस्तक दे दी है।
पिछले एक साल से फैली महामारी के कारण सदा बाहर घूमने-फिरने मस्त रहने वाली कुसुम जब घर में बन्द हो लगभग हताश हो चुकी थी।
तभी से बहू प्रिया ने ही संभाला है उन्हें ।
उनके थके हांथो में लेखनी थमा कर ।
प्रिया सदैव ही धैर्य से उन्हें सुनती हुयी प्रोत्साहित कर लिखने की प्रेरणा देती रही है ।
आज वही खुद बेचैन रहते हुए भी फिर से दिलासा दे रही है ।
बेटे की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पौजिटिव आने के बाद कुसुम तो बिल्कुल जड़वत् हो गई है ।
लेकिन प्रिया ?
उसने जरा सी भी हिम्मत नहीं छोड़ी है । आशा और दिलासा में डूबती उतराती प्रिया थकी नहीं है , हाँ व्यथित जरूर है क्या करे ?
कुसुम के कंधे पर हाँथ रख भर्राई आवाज में बोल उठी ,
" हिम्मत रखें मां मुश्किल की घड़ी तो है , लेकिन जैसे आई है वैसे ही जाएगी भी "
कुसुम इस जज़्बे को देख मन ही मन सोची ,
" धन्य है नयी पीढ़ी जितनी सहज , उतनी ही ग्राह्य " ।

सीमा वर्मा

20210611_194531_1623421297.jpg
user-image
Anjani Kumar

Anjani Kumar 3 years ago

बहुत अच्छी कहानी

दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG