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#सृष्टि का क्रम - Mansi Mittal (Sahitya Arpan)

कविताअन्य

#सृष्टि का क्रम

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*सृष्टि का क्रम*

पूरी सृष्टि में समाया है यही क्रम
अंधकार को चीर निकल रही है
नव किरण।
सदियों से अनवरत हो रही सुबह -साँझ,
हर साँझ डूबकर निकल रही है
नई भोर किरण।
इसी प्रकार
जीवन का समय चक्र भी
यूँही चलता है
जैसे दुख के बाद खुशियों की
झोली भरता है।
निराशा के काले बदलों की
छँटा को चीर
जीवन मे आशा का
नव संदेश देता है।

स्वरचित✍️
मानसी मित्तल
शिकारपुर, बुलंदशहर
उत्तप्रदेश

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