Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
"लक्ष्मी एक अनोखा उपहार " - सीमा वर्मा (Sahitya Arpan)

कहानीसामाजिक

"लक्ष्मी एक अनोखा उपहार "

  • 150
  • 10 Min Read

#शीर्षक
"लक्ष्मी एक अनोखा उपहार "

सुतपा के विवाह की पन्द्रहवीं बर्षगाँठ हर बार की तरह आशा और निराशा से भरा दिन जिसकी शुरुआत माँजी के " दूधो नहाओ पूतों फलो के " वाली
हृदय भेदी आशीर्वाद के साथ शुरू हो कर खत्म होने को थी ।
विवाह के इतने दिन गुजर जाने पर भी संतानसुख से वंचित दोनों पति पत्नी के डाक्टरी परीक्षण के दौरान सुबीर की ही शारीरीक अक्षमता सामने आई थी ।
जिसे सुतपा ने अपनी नियति मानते हुए स्वीकार कर लिया है ।
मात्र पैंतीस की आयु में ही वह पचास दुख देख चुकी थी और पचास सुख ,
वह आधी ही खुश हो पाती और आधी दुखी कहने का तात्पर्य यह कि वह आधी ही जी रही थी ।
जिन्दगी एकदम शांत बस कट रही है कोई शोर शराबा नहीं मगर सिर्फ खामोशी ही तो सब कुछ ठीक चल रहा है , की गवाह नहीं ।
माँ जी द्वारा खानदान आगे बढाने की सारी जिम्मेदारी उसके ही नाजुक कँधों पर डाल दी गई है।
हर तरह के देवी देवताओं की मनौती पूजा पाठ से थक चुकी वो सुबीर के औफिस जाने के बाद पोता-पोती की रट लगाते हुए ऐसे - ऐसे कसीदे पढतीं कि सुतपा बहुत मुश्किल से अपने को काबू में रख पाती है ।
लेकिन अब और नहीं अपने इस मकान को घर बनाने की चाहत में उसे अब एक धक्के देने की आवश्यकता शिद्दत से महसूस हो रही है।
मन में इस पार या उस पार की ठान वह डाएरी में देख कर फोन नम्बर मिलाने लग गई ।
सुबीर ने तो कल रात ही उससे पूछा था ,
" तुम्हें उपहार में क्या चाहिए ? "
सुतपा उसके करीब आ आंखों में झाँक कर पूछ बैठी थी ,
" जो मागूँगी वो दे पाओगे " ?
सुबीर , " तुम बताओ तो ! "
उसने अपने को सँयत रखते हुए कहा ,
" लक्ष्मी " मैंने बात कर ली है ,
मदर टेरेसा चाईल्ड केयर होम सेन्टर से
एक पांच दिन की बच्ची आई है ।
मैं उसे ही अपनी बेटी बना कर लाना चाहती हूँ ।
सुबीर के लिए तो यह सारे उम्र भर की खुशियां हासिल होने जैसा प्रस्ताव है ।
दूसरे ही दिन अहले सुबह , माँजी सुतपा की इस खुशी का राज जान पातीं ।
इसके पहले ही सुतपा ने आवश्यक सरकारी कागजी कारवाई निपटा लक्ष्मी को घर ला कर सीधे माँजी की गोद में डालते हुए बोली ,
" ये रही माँ, इसे पकड़ें हमारी अनमोल खुशियों का खजाना " ।
और माँ जी हक्की -बक्की सी कभी लक्ष्मी तो कभी सुतपा के चेहरे की चमक देख हर्षित हो रही हैं ।
और जिन्दगी वंही पास खड़ी उनके इस हौंसले को सलाम कर रही है।

सीमा वर्मा ©®

FB_IMG_1623856000370_1623856848.jpg
user-image
Roohi Shrivastava

Roohi Shrivastava 3 years ago

Pyari si kahani

Shekhar Verma

Shekhar Verma 3 years ago

bahut bahut achchi

Anjani Kumar

Anjani Kumar 3 years ago

सच में सुंदर कहानी

दादी की परी
IMG_20191211_201333_1597932915.JPG