Help Videos
About Us
Terms and Condition
Privacy Policy
नानी - Arvind Singh (Sahitya Arpan)

कविताछंद

नानी

  • 190
  • 4 Min Read

नमन---साहित्य अर्पण एक पहल
विषय--------------------------नानी
तिथि--------------25/08/2020
वार------------------------मंगलवार
विधा----------------------कुंडलियाँ

#नानी

नानी अपनी देख कर,उन्हें लिया मैं थाम।
शीश झुकाया सामने,उनसे किया प्रणाम।।
उनसे किया प्रणाम,गोद में बदन छिपाया।
पाया उनका प्यार,मिठाई तुरत खिलाया।।
साथ रही नमकीन,पिलाया मुझको पानी।
देती खुद आशीष,कहानी कहती नानी।।

अपने कर से रोज ही,मैं खाता पकवान।
नानी अपने हाथ से,प्रतिदिन दें मिष्ठान।।
प्रतिदिन दें मिष्ठान,बिस्तर पर सुलाती हैं।
आती गहरी नींद,रोज सुबह उठाती हैं।।
नानी रहती साथ , रात में आते सपने।
मिलता ढेरों प्यार,सभी ही लगते अपने।।

अरविन्द सिंह "वत्स"
प्रतापगढ़
उत्तर प्रदेश

logo.jpeg
user-image
Gita Parihar

Gita Parihar 4 years ago

सरस-सरल रचना है।

Arvind Singh4 years ago

सादर आभार आदरणीया

प्रपोजल
image-20150525-32548-gh8cjz_1599421114.jpg
वो चांद आज आना
IMG-20190417-WA0013jpg.0_1604581102.jpg
माँ
IMG_20201102_190343_1604679424.jpg
चालाकचतुर बावलागेला आदमी
1663984935016_1738474951.jpg
वक़्त बुरा लगना अब शुरू हो गया
1663935559293_1741149820.jpg