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तेरे मेरे सपने ❤ - Pallavi Rani (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

तेरे मेरे सपने ❤

  • 215
  • 2 Min Read

तेरे मेरे सपने
❤❤❤❤❤

मिलन की मधुरिम बेला में
खिलेगा जब वो चाँद गगन ।

कम्पित अधरों की भाषा को
समझेंगे चुपचाप नयन ।

सपनों के कुछ दीप लिये
हम एक-दूजे में होंगे मग्न ।

तुम मेरी आंखें पढ़ लेना
मैं पढ़ लुंगी तुम्हारा मन

तेरे सपने सच करती मैं
सजा दूँ सारा घर- आँगन।

मेरे सपनों को पंख सजा तुम
मुझे साथ दिखाना मुक्त गगन।
©️पल्लवी रानी❤
मौलिक सर्वाधिकार सुरक्षित
कल्याण, महाराष्ट्र

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