कहानीलघुकथा
#शीर्षक
"टाईम मशीन"
निरहंकारी धरणीधर बाबू इस समय यमलोक के द्वार पर हतप्रभ खड़े हैं । उनकी मृत्यु आज ही धरती पर एक बच्चे को बचाने में हुयी सड़क दुर्घटना में हुई है।
जीवित रहते हुए उन्होंने अनेक पुण्य कार्य किए हैं ।सदा दूसरे की सेवा में सलंग्न रहते हुए पारीवारिक उत्तर दायित्व को भी बखूबी निभाया है ।
वे अच्छे पिता ,अच्छे पति और बढ़िया समाज सेवक थे।
किए गए सत्कार्यों के आधार पर उनकी सोच के अनुरूप वे सही अर्थों में स्वर्ग के हकदार हैं ।
स्वर्ग के मुख्य द्वार पर स्वयं भगवान चित्रगुप्त उसके बहीखाता के लेखा-जोखा कर स्वर्ग का द्वार खोल देगें परन्तु आशा के विपरीत वहाँ कोई नहीं दिखाई दिया ।
वहाँ अंधकार व्याप्त था।
दीवार पर नोटिस चिपकाये गए हैं ,
" आपका नर्क में स्वागत है । ओह तो क्या मैं नर्क में आ गया यह सोच वे हताश हो गए। उनके अनुसार तो वे स्वर्ग के हकदार ।
द्वार पर बायोमेट्रिक सिस्टम लगा हुआ है और औडियो द्वारा संदेश प्रसारित किए जा रहे हैं ।
चारो ओर एक अभूतपूर्व सन्नाटा छाया हुआ है , अब और इन्तजार नहीं किया जा सकता है ।
बहुत सोच-विचार कर उन्होंने उस यन्त्र पर उंगली रख दी ।
यह क्या ? कभीकभी औडियो सुनाई देता बैठ जाईए।
काफी निराशा से शंका निवारण करने हेतू इधर - उधर सर घुमा कर देखा मगर कोई नहीं था ।
थोड़ी दूर पर एल इ डी बल्व जल रहा था जिसकी रौशनी में लिखा दिखा ,
" शिकायत कक्ष "का बोर्ड टंगा हुआ है , भारी कदमों से वहाँ गये तो देखा पहले से ही काफी भीड़ है टेबल पर रखे कम्प्यूटर मशीन पर बुत बने आकार सिर झुकाए हुए की बोर्ड पर ऊंगलियां चला रहे हैं ।
किसी का भी ध्यान उन पर नहीं जा रहा है । तभी यन्त्रवत इधर - उधर नजरों को घुमाते उनकी दृष्टि रोबोट पर गई ताबड़तोड़ भागते हुए वे उसकी ओर लपके और बेसब्री से कुछ पूछते कि गले से आवाज न निकल सिर्फ़ घर्र-घर्र हो कर रह गई ।
उस रोबोट ने बिना उनकी बात सुने ही दीवार में लगे बटन पर उंगली रख दी ।
त्वरित जवाब लिख कर आ गया , " कम्प्यूटर खाली होने तक अपनी बारी का इन्तज़ार करें , पहले यहाँ देवता रहते थे अब उनका स्थानांतरण हो गया है "
यहाँ आनेवाले की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।
उन्होंने फिर उस रोबोट से सवाल किया।
मुझे स्वर्ग मिलना था , नरक भेज दिया गया है।
" कृपया ठीक करें"।
फिर से रोबोट ने बटन पर हाँथ रख दिया।
पुनः जवाब लिख कर आ गया ,
" इस " कृपया ठीक करें " शब्द को सिस्टम नहीं पहचानता।
हतोत्साहित हो कर धरणीधर बाबू सर थाम कर बैठ गए है। मतलब स्वर्ग का रिनोवेशन कर दिया गया है !
सीमा वर्मा / ©®