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यादों के धागे में - राजेश्वरी जोशी (Sahitya Arpan)

कवितालयबद्ध कविता

यादों के धागे में

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यादों के धागे
सपनो के फूल चुनकर मैंने ,
यादों के धागे में है पिरोये।
जतन से फिर गजरा बनाया,
उसे बालों में अपने सजाया .

वक्त को है गीठा से बाँधा ,
लम्हों को फूलों में बाँधा ।
तितली से कुछ रंग चुराये,
यादों के कुछ रंग मिलाये।

सुंदर सा गजरा बनाया ,
बालों में उसको लगाया ।
यादों की बारिश में भीगी,
खुशियों के झूले में झूली।

मन के दर्पण में मैंने झाँका,
मनआँगन को फिर से झाड़ा।
यादों के जुगनू चमक आए ,
मन ने यादों के दीप जलाये।

आँखों में कितने रंग घुल आये ,
यादों को मन में मेरे हैं बसाये ।
मोती से अश्रुकण छलक आए ,
आज मुझे फिर तुम याद आये।

स्वरचित रचना
राजेश्वरी जोशी,
उत्तराखंड

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