कविताअतुकांत कविता
महकता सा
ख्वाब है
अभी तो
एक ताजे फूल सा ही
यह भी
फूल की ही तरह
मुर्झाकर टूट जायेगा
क्या फिर एक नया ख्वाब
पुराने ख्वाब सा ही
एक नये फूल की तरह
ख्यालों के पेड़ की
उम्मीदों की टहनियों पर
उग पायेगा।
मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) - 202001